8th Pay Commission: इस दिन से लागू होगा 8वां वेतन आयोग, लेवल 1 से 18 के कर्मचारियों की इतनी बढ़ेगी सैलरी

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को लेकर कर्मचारियों के बीच लंबे समय से चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया है। जनवरी 2026 से इसकी सिफारिशें लागू होने की पुष्टि हो चुकी है। इससे केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को सीधे तौर पर बड़ा फायदा होने जा रहा है। नई सैलरी संरचना लागू होने से लेवल 1 से लेकर लेवल 18 तक के सभी कर्मचारियों की आय में भारी इजाफा देखने को मिलेगा।

लेवल 1 से लेवल 18 तक बढ़ेगी सैलरी

8वें वेतन आयोग के तहत सभी स्तरों पर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बड़ी छलांग लगाई जाएगी। उदाहरण के तौर पर, लेवल 1 में आने वाले चपरासी की वर्तमान बेसिक सैलरी ₹18,000 है, जो बढ़कर ₹51,480 तक जा सकती है। वहीं, सबसे ऊंचे स्तर यानी लेवल 18 में शामिल IAS और सेक्रेटरी स्तर के अधिकारियों की सैलरी ₹2.5 लाख से बढ़कर ₹7.15 लाख तक हो सकती है। यह वेतन वृद्धि हर स्तर के कर्मचारियों के लिए एक आर्थिक बूस्टर साबित होगी।

सभी स्तरों की अनुमानित सैलरी संरचना

नई सिफारिशों के अनुसार, लेवल 2 में आने वाले LDC कर्मचारियों की सैलरी ₹19,900 से बढ़कर ₹56,914 हो सकती है। लेवल 3 के अंतर्गत आने वाले कॉन्स्टेबल की सैलरी ₹21,700 से बढ़कर ₹62,062 तक हो सकती है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होते ही कर्मचारियों की आय में औसतन तीन गुना तक का इजाफा संभव है।

पेंशनर्स को भी मिलेगा लाभ

8वें वेतन आयोग का असर पेंशनभोगियों पर भी सीधा पड़ेगा। मौजूदा समय में न्यूनतम पेंशन ₹9,000 है, जिसे बढ़ाकर ₹25,740 किए जाने की संभावना है। इससे रिटायर्ड कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी और जीवनयापन में आसानी होगी।

फिटमेंट फैक्टर को लेकर जारी है चर्चा

वेतन वृद्धि की गणना में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका फिटमेंट फैक्टर निभाता है। वर्तमान में 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू है, जिसके अनुसार ₹18,000 की सैलरी बढ़कर ₹46,260 होती है। कर्मचारी संगठन मांग कर रहे हैं कि इसे बढ़ाकर कम से कम 2.86 किया जाए ताकि न्यूनतम वेतन ₹26,000 तय हो सके। यदि सरकार इस मांग को मानती है तो कर्मचारियों की सैलरी में बड़ी वृद्धि तय मानी जा रही है।

डीए को किया जा सकता है मर्ज

वर्तमान में कर्मचारियों को 55% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, जो 2025 के अंत तक 59% तक पहुंच सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब 8वां वेतन आयोग लागू होगा, तो महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी में मर्ज किया जा सकता है। इससे वेतन संरचना और अधिक सरल और पारदर्शी हो जाएगी। डीए के मर्जर से कुल सैलरी में फिर से एक नई बढ़त देखने को मिलेगी।

लेवल्स का मर्जर भी बन सकता है आधार

वेतन आयोग में लेवल 1 से 5 तक के पदों के पुनर्गठन की चर्चाएं भी जोर पकड़ रही हैं। प्रस्ताव के अनुसार, लेवल 1 को लेवल 2 के साथ और लेवल 3 को लेवल 4 के साथ मर्ज किया जा सकता है। इस मर्जर से सैलरी ढांचे में और अधिक सामंजस्य आएगा, जिससे कर्मचारियों को अतिरिक्त लाभ मिल सकेगा।

राज्य कर्मचारियों को भी मिलेगा फायदा

केंद्र के वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों के वेतन ढांचे में संशोधन करती हैं। पिछली बार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं। अब जबकि 8वें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू किए जाने की बात कही जा रही है, तो इसका सीधा असर राज्य कर्मचारियों की सैलरी पर भी पड़ेगा।

सरकार की औपचारिक घोषणा का इंतजार

हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से वेतन आयोग के गठन और लागू होने की सहमति की खबरें आ चुकी हैं, लेकिन अब तक इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है। कर्मचारी संगठनों और आर्थिक विशेषज्ञों की नजर सरकार की अगली घोषणा पर टिकी हुई है। उम्मीद की जा रही है कि वित्त वर्ष 2025-26 के बजट से पहले इसकी पुष्टि कर दी जाएगी।

Disclaimer

यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों और सार्वजनिक रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से है। वेतन आयोग से संबंधित कोई भी निर्णय लेने से पहले सरकारी अधिसूचना या अधिकृत स्रोत की पुष्टि आवश्यक है।

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